Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the mundana domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/deepanshugahlaut/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the kirki domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/deepanshugahlaut/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
प्रभु चरणों में समर्पित – आध्यात्मिक अनमोल विचार | Spiritual Quotes in Hindi | Chota Sa Safar – Deepanshu Gahlaut

प्रभु चरणों में समर्पित – आध्यात्मिक अनमोल विचार | Spiritual Quotes in Hindi | Chota Sa Safar

spiritual-quotes-in-hindi

हे ईश्वर, मुझे इतना नीचे भी मत गिराना
कि मैं पुकारूं और तू सुन ना पाए और
इतना ऊंचा भी मत उठाना कि तू पुकारे और मैं सुन ना पाऊं,
सुकून उतना ही देना प्रभु जितने से जिंदगी चल जाए,
औकात बस इतनी देना कि औरों का भला हो जाए,
रिश्तों में गहराई इतनी हो कि प्यार से निभ जाए,
आंखों में शर्म इतनी देना कि बुजुर्गों का मान रख पाए
सांसें पिंजरे में इतनी हो कि बस नेक काम कर जाए
बाकी उम्र ले लेना कि और बोझ ना बन जाए
मेरी औकात से बढ़कर मुझे कुछ ना देना मालिक
क्योंकि जरूरत से ज्यादा रोशनी इंसान को अंधा कर देती है,
हे ईश्वर मेरी गुमराहिया मेरे दोष देखकर उन्हें अनदेखा कर देना,
क्योंकि मैं जिस माहौल में रहता हूं
उसका नाम दुनिया है,
तेज स्वर में की गई प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचे यह आवश्यक नहीं है
किन्तु सच्चे मन से की गई प्रार्थना, जो भले ही मौन रहकर की गई हो
वह ईश्वर तक अवश्य पहुंचती है
हे प्रभु चाह नहीं मेरी कि पूरा पथ जान सकूँ
दे प्रकाश इतना कि अगला कदम पहचान सकूँ
प्रार्थना ऐसे करो जैसे सब कुछ भगवान पर निर्भर करता है
और कोशिश ऐसे करो जैसे कुछ आप पर निर्भर करता है,
स्नेह में ही ताकत है समर्थ को झुकाने की
वरना सुदामा में कहां ताकत थी श्री कृष्ण से पाव धुलवाने की,
जब हम विकट परिस्थिति से गुजर रहे होते हैं और प्रभु को मौन पाते हैं
तो हमें याद रखना चाहिए कि परीक्षा के समय गुरु हमेशा मौन ही होता है,
भगवान जानते हैं कि आपने किसी चीज के लिए कितना सब्र किया है
और विश्वास कीजिए आपके सब्र की प्रत्येक पल की कीमत अदा होगी
भगवान पर विश्वास रखे वाणी को वीणा बनाए, वाणी को बाण ना बनाए
क्योंकि वीणा बनेगी तो जीवन में संगीत होगा
और बाण बनेगी तो जीवन में महाभारत होगा,
कहीं ना कहीं कर्मों का डर है नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है?
जो कर्म को समझता है, उसे धर्म को समझने की जरूरत ही नहीं,
पाप शरीर नहीं करता विचार करते हैं और गंगा विचारों को नहीं सिर्फ शरीर को धोती है
शब्दों का महत्व तो बोलने के भाव से पता चलता है,
वरना वेलकम तो पायदान पर भी लिखा होता है,
जब भी आप भगवान का ध्यान करें उनसे हमेशा यही प्रार्थना करें
कि हे प्रभु, अगर किसी समय मैं आपकी उंगली पकड़ना भूल जाऊं
तो आप मेरी बाँह पकड़ना मत भूलना,
अगर मैं आपको कहीं साथ चलने के लिए बोलना भूल जाऊं
तो आप स्वयं मेरे साथ चलना.

Speaker: Diksha Rajput
Subscribe us on YouTube – https://www.youtube.com/@chotasasafar
Like us on Facebook – https://facebook.com/chotasasafar
Follow us on Instagram – https://www.instagram.com/chotasasafar/
Follow us on Twitter – https://twitter.com/ChotaSaSafar

हँसते रहिये, मुस्कुराते रहिये!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *