ऐसे चूर हुआ कालिदास का घमंड – एक अनमोल कहानी | Chota Sa Safar

देवी सरस्वती विद्या की देवी है और जो लोग विद्यावान होते हैं
उन्हें अहंकार से बचना चाहिए तभी वे मां सरस्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं
महाकवि कालिदास देवी सरस्वती के परम भक्त थे महाकवि कालिदास को अपने ज्ञान का घमंड हो गया
और खुद को सबसे विद्वान समझने लगे
एक दिन यात्रा कर रहे थे तो रास्ते में उन्हें प्यास लगी।
उन्हें एक कुआं दिखाई दिया, कुएं पर एक महिला पानी भर रही थी,
कालिदास ने उस महिला से पीने के लिए पानी मांगा,
महिला ने कहा, पहले तो आप अपना परिचय दीजिए, उसके बाद मैं आपको पानी दूंगी,

कालिदास ना अपने ज्ञान के घमंड में डूबे हुए थे, उन्होंने खुद नाम ना बताते हुए कहा, मैं एक मेहमान हूं,
महिला ने कहा कि यह तो सही नहीं है,
संसार में दो ही मेहमान है, एक…धन और दूसरा योवन
ज्ञान की यह बात सुनकर कालिदास हैरान हो गए
उन्होंने कहा कि मैं सहनशील हूं, महिला बोली, यह भी सही उत्तर नहीं है, ,
इस संसार में सिर्फ दो ही सहनशील है, पहली धरती जो हमारा बोझ उठाती है,

दूसरे सहनशील पेड़ है, जो पत्थर मारने पर भी फल ही देते हैं,
कालिदास को समझ आ गया कि यह महिला कोई विद्वान है,
उन्होंने कहा कि मैं हठी हूं.
महिला बोली, आप फिर गलत बात कह रहे हैं,

संसार में हठी भी दो ही है, नाखून और बाल, बार-बार काटने पर भी फिर से बढ़ जाते हैं,
यह बातें सुनकर कालिदास ने अपनी हार मान ली,
उन्होंने कहा, मैं मूर्ख हूं, मुझे क्षमा करें, महिला ने कहा, कि तुम मूर्ख भी नहीं हो, क्योंकि मूर्ख भी दो ही है,
एक राजा, जो बिना योग्यता के भी सब पर राज करता है, दूसरे मूर्ख है, दरबारी जो राज को खुश करने के लिए गलत बात पर भी झूठी प्रशंसा करते हैं,

इस बात के बाद कालिदास महिला के पैरों में गिर पड़े,
तभी महिला ने कहा कि उठो पुत्र, कालिदास ने ऊपर देखा तो वहां मां सरस्वती खड़ी थी,

देवी सरस्वती ने कालिदास को सीख दी
कि तुम्हें अपने ज्ञान का घमंड हो गया था और मेरे भक्त को इस बुराई से बचना चाहिए, इसलिए मैं तुम्हारा घमंड तोड़ने आई थी,
कालिदास ने सरस्वती से क्षमा मांगी और
संकल्प लिया कि अब से वे कभी घमंड नहीं करेंगे,
हमें किसी भी चीज का घमंड नहीं करना चाहिए,


कुछ लोग अपनी सुंदरता, ज्ञान, धन, घर, परिवार, सुख सुविधाओं का घमंड करते हैं, यह बात सही नहीं है,
रावण और दुर्योधन महाशक्तिशाली थे, लेकिन अपने घमंड की वजह से इनके पूरे कुल के कुल नष्ट हो गए,
जीवन में सुख शांति पाना चाहते हैं तो किसी भी स्थिति में घमंड नहीं करना चाहिए,


जय मां सरस्वती.

Speaker: Diksha Rajput
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