कम शब्द और गहरी बातें – बातें जो जिंदगी के करीब ले जाये – Chota Sa Safar

कम शब्द और गहरी बातें

कीमत दोनों की ही चुकानी पड़ती है,
बोलने की भी और चुप रहने की भी,
लोग अक्सर नरम लहजो में इतनी सख्त बात कह देते हैं
कि उनके लफ्जों की तपज भूलने में उम्र लग जाती है,
मकड़ी के जाले से भी कमजोर है, दुनिया के सहारे
समय, सत्ता, संपत्ति और शरीर चाहे साथ दे या ना दे,
लेकिन स्वभाव, समझदारी और नेकियां हमेशा साथ देती है
हथेली पर रखकर नसीब तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है
सीख उस समंदर से जो टकराने के लिए पत्थर ढूंढता है
कोशिश करना मत छोड़िए यकीन रखना मत छोड़िए
कभी हिम्मत मत हारिए तुम्हारा दिन भी आएगा और जरूर आएगा
जिंदगी में इंसान को एक आदत जरूर सीख लेनी चाहिए
जो चीज हाथ से निकल जाए उसे भूल जाने की आदत
यह आदत बहुत सी तकलीफों से बचा लेती.
अगर जिंदगी में खुश रहना है तो अधिक ध्यान उन चीजों पर दे जो आपके पास है
उन चीजों पर नहीं, जो आपके पास नहीं है,
जिंदगी को लेकर हमारी शिकायतें जितनी कम होंगी,
हमारी जिंदगी उतनी ही बेहतर होगी,
आपकी हर चाल के बाद अगली चाल वह चलता है,
आपकी चाल आपकी पसंद कहलाती है
और उसकी चाल परिणाम जिंदगी में कोई भी फैसला ले तो बहुत सोच समझ कर ले,
क्योंकि हर फैसले के अंदर उसका परिणाम वैसे ही छुपा होता है,
जैसे बीज के अंदर वृक्ष, एक कुम्हार माटी से चिलक बनाने जा रहा था,
उसने चाक चलाया, माटी को एक चिलम का आकार दिया
और कुछ देर बाद उसे बिगाड़ दिया, माटी ने हैरानी से पूछा,
अरे कुम्हार, तुम्हारी चिलम कितनी अच्छी बनी थी, फिर क्यों बिगाड़ दी?
कुम्हार ने कहा, अरे माटी पहले मैं चिलम बनाने की सोच रहा था,
पर मेरी मति बदली और अब मैं सुराही बनाऊंगा,
यह सुनकर माटी बोली, रे मुझे खुशी है, तेरी तो सिर्फ मति बदली मेरी तो जिंदगी ही बदल गई,
चिलम बनती तो खुद भी जलती और दूसरों को भी जलाती,
अब मैं सुराही बनूंगी, खुद भी शीतल रहूंगी और औरों को भी शीतल करूंगी,
जीवन में सही फैसला ले, आपका लिया हुआ एक सही फैसला, कईियों की जिंदगी बदल देगा,
कोई भी व्यक्ति आपके पास तीन कारणों से आता है, भाव से, अभाव से या प्रभाव से,
यदि भाव से आया है तो उसे प्रेम दे, अभाव से आया है तो उसकी सहायता करें
और यदि प्रभाव से आया है तो प्रसन्न हो जाए कि परमात्मा ने आपको इतनी क्षमता दी है
पांच बातें हमेशा याद रखो, पहला मरना आवश्यक है,
दूसरा साथ कुछ नहीं जाना, तीसरा जो करेगा भरेगा,
चौथा, जहां उलझो वहीं सुलझो, पांचवा, जो है उसमें संतोष करो,
खोई हुई दौलत, भूली हुई विद्या और बिगड़ा हुआ स्वास्थ्य फिर भी लौट कर आ सकता है,
पर बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता,
कल एक झलक जिंदगी को देखा, वो राह पे मेरी गुनगुना रही थी,
फिर फिर ढूंढा उसे इधर-उधर, वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी
एक अरसे के बाद आया मुझे करार, वो सहला के मुझे सुला रही थी,
हम दोनों क्यों खफा हैं एक दूसरे से, वो मुझे और मैं उसे समझा रही थी,
मैंने पूछ ही लिया, क्यों दर्द दिया कम्बख्त तूने?
वो हंसी और बोली, मैं जिंदगी हूं पगले तुझे जीना सिखा रही थी,
यह जिंदगी जैसी भी है, बस एक बार मिलती है, इसीलिए.
सबके साथ मिलजुल कर रहो, सबके चेहरे पर मुस्कुराहट लाओ,
सबका ख्याल रखो, पर अपना भी ख्याल रखो,
हमेशा मुस्कुराते रहो, कभी अपने लिए तो कभी अपनों के लिए.

Speaker: Diksha Rajput
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हँसते रहिये, मुस्कुराते रहिये!

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