Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the mundana domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/deepanshugahlaut/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the kirki domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/deepanshugahlaut/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
SEO in Hindi (Part 1) – SEO Kya Hai? – Deepanshu Gahlaut

SEO in Hindi (Part 1) – SEO Kya Hai?

seo kya hai hindi me

हैलो दोस्तों,

आप सभी का स्वागत है SEO in Hindi Blog Series में ।

मैं हूं दीपांशु और मैं आज बात करूँगा SEO के बारे में विस्तार से वो भी आपकी अपनी पसंदीदा भाषा हिन्दी मे ।

हम चर्चा करेंगे –

चलिए शुरू करते हैं.

SEO क्या है? (What is SEO?)

SEO या सर्च इंजन ओप्टिमाऐजेशन एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा हम अपनी साइट का ट्रैफिक तथा आर्गेनिक सर्च रैंकिंग्स को इम्प्रूव करते हैैं ।

organic search results

सरल शब्दों में,

SEO में कई रणनीतियां तथा तकनीकें शामिल हैं, जिनसे सर्च इंजन में आपकी वेबसाइट की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाता हैं यही वजह है कि इसे “सर्च इंजन ओप्टिमाऐजेशन” कहा जाता है।

एक अच्छा SEO प्रोफेशनल यह निर्धारित  करता है कि आपकी वेबसाइट में अच्छा content हो तथा कम से कम नीचे  लिखे सारे पॉइंट्स ऑप्टिमाइज़ हों –

  • पेज़ कंटेंट
  • टाइटल टैग
  • डिस्क्रिप्शन टैग
  • लिंक्स (इंटरनल एंड एक्सटर्नल )
  • एंकर टेक्स्ट
  • रेपुटेशन तथा Branding

सर्च इंजन कैसे काम करता है? (How Search Engine Works)

हम आगे बढ़ने से पहले, सर्च इंजन जैसे गूगल (Google) कैसे काम करता है की बुनियादी बातों पर एक नजर डालते हैं।

  • Crawling: इस प्रक्रिया में, Google लिंक्स को फोलो करके और वेबसाइट के मालिकों द्वारा प्रदान की गई साइटमैप को क्रॉल करके, वेब को क्रॉल करता है।
  • Indexing: जब Google कोई वेब पेज खोजता है, तो वह पेज के बारे में जानकारी संग्रहीत करता है और इसे बाद में प्रयोग के लिए एक डाटाबेस (जिसे Index कहते हैं) में सेव कर लेता है।
  • Rankings: विभिन्न एल्गोरिदम और फ़िल्टर निर्धारित करते हैं कि एक यूजर के प्रश्नों के लिए एक वेब पेज Google Results में कैसे रैंक होना चाहिए।

अपनी वेबसाइट की बेहतर क्रॉलिंग, इंडेक्सिंग और रैंकिंग प्राप्त करने के लिए, आपको पता होना चाहिए कि Google द्वारा आपकी वेबसाइट कैसे क्रॉल की जा रही हैं और आप अपनी वेबसाइट को ढूंढने में Google की किस प्रकार सहायता कर सकते हैं।

SEO के फायदे (Benefits of SEO)

  • SEO ना केवल आपकी बेबसाइट की सर्च इंजन जैसे गूगल में रैंकिंग को इम्प्रूव करता है और एक अच्छा यूजर एक्सपीरियंस भी निर्धारित करता है।
  • SEOआपकी बेबसाइट का ट्रेफिक बढ़ाने में भी एक मुख्य भूमिका निभाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, SEO अकेले ही आपकी बेबसाइट को 64% ट्रैफिक दे सकता है।

organic-search-seo-64-percent

  • SEO आपके बिजनेस की ब्रांडिंग तथा रेपुटेशन मैनेजमेंट में मदद करता है।
  • SEO, दूसरी मार्केटिंग तकनीकों के मुकाबले बहुत ही अच्छी तथा सस्ती तकनीक है।
  • SEO आपके बिजनेस सेल्स को बढ़ाने में एक मुख्य भूमिका अदा करती है।

SEO के प्रकार (Types of SEO)

SEO को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –

1. On-Page Optimization:

इस SEO तकनीक में एक वेब पेज के सभी एलिमेंट्स जैसे की टाइटल, डिस्क्रिप्शन, कंटेंट, URL, इंटरनल लिंक्स आदि को ऑप्टिमाइज़ किया जाता है | इस तकनीक में मुख्य फोकस कंटेंट तथा HTML सोर्स कोड पर रहता है

कुछ प्रमुख On-page SEO factors है –

  • टाइटल टैग
  • डिस्क्रिप्शन टैग
  • पेज Content
  • Headings(H1 – H6) टैग
  • URLs
  • मल्टीमीडिया (आडियो, विडियो)
  • इंटरनल लिंक्स
  • एक्सटर्नल लिंक्स
  • पेज स्पीड
  • इमेज alt टैग
  • सोशल शेयरिंग (Facebook, Twitter आदि)
  • स्कीमा टैग्स, इत्यादि

2. Off-Page Optimization:

इस तकनीक को लिंक बिल्डिंग के नाम से भी जाना जाता हैै। इस प्रक्रिया में लिंक्स तथा एक्सटर्नल सिग्नल के द्वारा आपकी वेबसाइट की सर्च रैंकिंग तथा रेपुटेशन को इंप्रूव किया जाता हैै।

कुछ प्रमुख Off-page SEO factors है –

  • Quality links
  • Authority
  • Social connection and interaction

तो आज के लिए बस इतना ही, दोस्तों उम्मीद है कि आप को “SEO in Hindi: Blog Series” का पहला ब्लॉग पसंद आया होगा। अपने विचार नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखना ना भूलें।

अगले ब्लॉग में हम ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन (On-page Optimization) के बारे में चर्चा करेंगे।
धन्यवाद.

5 Replies to “SEO in Hindi (Part 1) – SEO Kya Hai?”

    1. धन्यवाद अजीत। सरल शब्दों में साइटमैप एक ऐसी फ़ाइल है जहां आप अपनी साइट के वेब पेजों को Google और अन्य सर्च इंजन को अपनी साइट के बारे में बता सकते हैं। साइटमैप की मदद से सर्च इंजन अधिक समझदारी से आपकी साइट को क्रॉल करने के लिए पढता है और यह भी बताता है कि आप कौन कौन से URL इंडेक्स करना चाहते हैं ।

  1. आज आपकी वेबसाइट देखी , दीपांशु भैया .
    शायद आपने पहेचान नहीं होगा ,पर मैं आपका मित्र हूं कॉलेज टाइम से ।

    अगर मैं ब्लॉगिंग स्टार्ट करना चाहूं तो क्या आप मेरी हेल्प करोगे , अगर हां तो पर्सनली कॉन्टैक्ट करू या यही कॉमेंट से ,अपने सवाल पूछा करू आपसे ।

Leave a Reply to Ankit shailaan Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *